यह parthenogenesis शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द पार्था जिसका मतलब है वर्जिन और दूसरा शब्द है जेनेसिस जिसका अर्थ है जन्म लेना
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हम सभी ने बचपन में पढा है की संतानोत्पत्ति करने के लिए पुरुष और महिला दोनों की आवश्यकता होती है लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी प्राणी हैं जो संतानोत्पत्ति करने के लिए पुरुष (नर) पर निर्भर नहीं है।
उदाहरण : शार्क मछली, पायथन, कोमोडो ड्रैगन...आदि
हालांकि ऐसा बहुत ही कम होता है लेकिन ऊपर दिए गए कुछ उदाहरणों में अभी तक ऐसा पाया गया है अब आपका सवाल होगा कि
क्या यह हम इंसानों में पॉसिबल है?
तो मेरा उत्तर है, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता यह दुनिया बड़ी ही विचित्र है अभी तक तो कोई भी उदाहरण हमारे सामने नहीं आया है लेकिन भविष्य के बारे में क्या गारंटी ।
वैसे parthenogenesis बात की जाए तो यह दो प्रकार का होता है पहला प्रकार है ऑटो मिक्सी यह प्रोसेस जंतुओं में होती है
इसमें मादा अंडे कुछ भागों में डिवाइड हो जाते हैं और आपस में मिलकर फर्टिलाइजेशन आरंभ कर देते हैं
उदाहरण के लिए हम इंसानों की बात करते है
ज्यादातर ऐसा होता है की माता के 23 गुणसूत्र और पिता के 23 गुणसूत्र मिलकर 46 का एक पैकेज बनाते हैं और फर्टिलाइजेशन आरंभ होता है लेकिन पार्थो जेनेसिस में मादा के 23 गुणसूत्र उसी के दूसरे अंडे से आते हैं इस विधि में क्लोन नहीं बनती है क्रोमोसोम की डबल कापी होती है इस विधि में बना हुआ बच्चा हंड्रेड परसेंट मादा ही होता है ।
Parthenogenesis का दूसरा प्रकार है एप्पो मिक्सी इस विधि में क्लोन बनते हैं या ज्यादातर पौधों में ही होता है।
यह काफी रोचक विषय है इस पर अभी स्टडी चल ही रही है वैज्ञानिक लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि आखिर क्यों एक मादा स्वत: ही प्रजनन करती है अभी तक यह 80 से भी ऊपर प्रजातियों में पाया जा चुका है।
Parthenogenesis के कुछ नुकसान भी है, जैसे:
- जेनेटिक डायवर्सिटी की कमी
- नए प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता की कमी
- इन कमियों के कारण भविष्य में विलुप्त होने की पूरी संभावना
Parthenogenesis के कारण निम्न हो सकते हैं
- यह पुरानी प्रकार की प्रजातियों में पाया जाता है जैसे कि जो पाइथन जो पुराने सांप हैं उनमें तो यह पाया जाता है लेकिन कोबरा जैसी नई प्रजाति में ऐसा नहीं पाया जाता तो हो सकता है पुरानी प्रजातियों में ऐसा कामन रहा हो
- दूसरा कारण हो सकता है हार्मोनल इंबैलेंस या हार्मोन का गड़बड़ हो जाना
- तीसरा कारण हो सकता है किसी वायरस या बैक्टीरिया के कारण ऐसा हो जाना
मैं तो सोच रहा हूं कि अगर ऐसा हम इंसानों में भी संभव होने लगा तो हम लड़कों की तो जरूरत ही खत्म हो जाएंगे हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा आपका इस बारे में क्या कहना है कमेंट करें अपने दोस्तों के साथ शेयर करें..!
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