नमस्कार मित्रों ,
आज का दिन कुछ खास था ,हो भी क्यों न
आज टीचर बनने की परीक्षा जो थी हम सब जो शिक्षक बनने का सपना रखते है उनको इस एग्जाम का बेसब्री से था
आज वो दिन आ गया ,
एक तो एक्साइटमेंट में नींद नहीं आ रही थी मन कर रहा था कुछ पढ़ लू ताकि परीक्षा में बेहतर कर सकूं
दूसरी तरफ दिमाग बोल रहा था कि मै समय पर जग के परीक्षा स्थल पहुंच जाऊं वहीं बड़ी बात है क्योंकि रात के 3 बज रहे थे.
खैर सुबह 6:30 पे अलार्म ने मुझे जगाया और खुद को 10 तक गिनती गिन के जबरदस्ती उठाया।
early morning.. |
आज घनघोर ठंड थी बाहर देखा तो घुप्प अंधेरा और पानी की टिप टिप सुनाई दे रही थी ऐसा सन्नाटे का नजारा देख कुछ सेकेंड के लिए मै स्तब्ध रह गया ।
फिर मुझे याद आया कि मै आज अकेला ही हू हॉस्टल के इस फ्लोर पे ,इसी वजह से किसी ने लाइट नहीं जलाई और अंधेरा छाया था ।
खैर तभी #rdx ने फोन किया कि वो एग्जाम देने के मूड में नहीं है, बाहर का मौसम और भी हौसला बिगाड़ रहा था
पर मैंने उसे एग्जाम देने की सलाह दी और ईश्वर से कामना की कि उसका एग्जाम अच्छा हो और वो बीमार न हो क्योंकि बारिश हो रही थी
उसने भी मुझे आल द बेस्ट कहा
मै भी 7:30 तक फटाफट तैयार होकर हॉस्टल के बाहर निकला, हड्डियां गला देने वाली ठंड में मै और मेरे जैसे विद्यार्थी ऑटो में अपने अपने एग्जाम सेंटर पे जा रहे थे।
मेरा सेंटर 20 किलोमीटर दूर स्थित था खैर बड़ी जद्दो जहत के बाद में समय से कॉलेज पहुंच गया
बारिश के कारण सभी की हालत खराब थी और सड़कों की हालत हमसे भी बत्तर थी
अपने एग्जाम हॉल में पहुंचा तो चेहरे पे कुछ लालिमा छाई क्योंकि इन्विजिलेटर बड़ी जबरदस्त खूबसूरत थी
उसने मुझसे प्रवेश पत्र लेकर मेरा हांथ पकड़ के मेरी सीट तक पहुंचाया
मै सोचने लगा "हांथ पकड़ के कौन बैठाता है???"
मेरे दिमाग मै उनका चेहरा छा गया था तभी मेरे कानो में एक स्वीट सी आवाज पड़ी " अब बैठ भी जाइए जनाब"
मेरी आंखे जैसे ही आवाज की ओर मुड़ी बिल्कुल स्तब्ध रह गई
एक बहुत ही सुंदर चेहरा मुस्कुराते हुए मुझे ही देख रहा था
मै हंसते हुए बोला "जरूर "
पता नहीं क्यों मेरी निगाह उसी को कनखियो से देखती जा रही थी.
शायद इस बात को उसने भांप लिया तो उसने मुझसे कहा
"क्या आप मेरी गणित में कुछ मदद करेंगे???"
मै तुरंत ही बोल पड़ा " क्यों नहीं यार "
दिल तो बोल रहा था इतनी सुंदर लड़की को तो पूरा पेपर ही करवा दू पर भावनाओ को नियंत्रण में किया और एग्जाम पे फोकस किया और लगभग 10 प्रश्न गणित में उसको भी कराए खैर आज 15 मिनट पूर्व ही पूरा प्रश्न पत्र समाप्त कर दिया था तो अब मौका था एक दूसरे के बारे में जानने का
उसने मुझे बहुत कुछ बताया लेकिन मेरा फोकस तो पूरा पूरा उसके चेहरे की स्माइल पर था तो मुझे कुछ भी याद नहीं
बस उसका चेहरा जरूर मेरे सामने घूमता है
वो भी काफी एक्साइटेड थी मेरे साथ उसने मुझे अपने पापा से मिलाया मै भी खुश था तो, उसकी गाड़ी में बैठ कर चल दिया लगभग 500 मीटर की दूरी के बाद मुझे याद आया एक्साइटमेंट में मै अपना बैग तो कॉलेज में ही भूल गया...!
तुरंत ही मै बोला , मै यहां से स्वयं ही चला जाऊंगा और मोड़ पे उतर लिया ।
अभी 250₹ का चूना लगने वाला था और मै खुद पे हंसता हुआ बैग लेने गया
मै सोचता रहा कि कितना मस्त दिन था पेपर भी जबरदस्त था और पड़ोसन भी...!
आते वक्त वो साथी भी मिल गए जो जाते वक्त मेरे साथ कॉलेज की लोकेशन ढूंढ़ रहे थे , और पता चला कि कई सारे लोगो को एग्जाम देने से रोक दिया गया था
क्योंकि उनके मार्कशीट प्रिंसिपल के द्वारा अटेस्टेड नहीं थे
ये सुन के मूड थोड़ा ऑफ सा हो गया
जाहिल पन ही हद्द है
इंटरनेट की सुविधा होने के बाद भी हमारे देश में कुछ भॊ श्री वाले समस्या का समाधान करने का रास्ता नहीं अपनाते
1 मिनट में वेबसाइट से रिजल्ट चेक किया जा सकता था
पर क्या कहे
अब अधिकारी वो जाहिल ही है मै तो नहीं
और व्यवस्था ठीक करने के लिए मुझे या मेरे जैसे को उसकी जगह लेनी होगी
और वो काम हो पाने में लंबा समय है खैर
फिर मैंने इस बात पे ज्यादा विचार नहीं किया क्योंकि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था ।
मेरा दिन तो सही बीता था
सच कहूं तो
मुझे लगता है आज के खुशनुमा दिन का राज कोई और ही था वही जिस ने मेरे एग्जाम के लिए मुझे सच्चे दिल से
"आल द बेस्ट " बोला था।
दिल तो कह रहा था ,उसको अभी जाकर जोरदार झप्पी दू, पर शायद वो मेरे दायरे के बाहर है
कोन है वो .. ?
जरूर बताऊंगा नेक्स्ट स्टोरी में ....!
To be continue.....
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