बहुत से लोगों का मत है कि गांधी जी की अहिंसा वादी नीति हमें स्वतंत्रता नहीं दिला सकी क्योंकि स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने बलिदान किए चाहे वह स्वदेशी आंदोलन के रूप में या फिर शहीदों के रूप में
भारत स्वतंत्रता के किस्से |
जो लोग भगत सिंह और चंद्र शेखर आजाद को आदर्श मानते हैं वह लोग कभी भी गांधीवादी विचारधारा को सपोर्ट नहीं करते क्योंकि वह जानते हैं आजादी सिर्फ चरखे से नहीं मिली।
सुभाष चंद्र बोस जी ने भी आजादी के लिए अपने सार्थक प्रयास किए उन्होंने हर वह प्रयास किया जिससे ब्रिटिश साम्राज्य को क्षति पहुंचाई जा सकती थी उन्होंने एक बार हिटलर से भी मदद लेने का विचार किया वह बात अलग है की बात नहीं बनी ,फिर उन्होंने जापान की मदद से ब्रिटिश साम्राज्य पर काफी आघात किए अगर जापान विश्व युद्ध नहीं हारता तो शायद भारत की स्थिति अलग होती तो शायद सुभाष चंद्र बोस भारत को आजादी दिलाने में पूर्ण रूप से सफल हो जाते हो लेकिन वास्तव में जापान युद्ध हार गया ।
जब यह युद्ध चल रहे थे उस दौरान गांधी जी ने आंदोलन करके और असहयोग की नीति बनाकर काफी हद तक अंग्रेजों का विरोध किया सिर्फ गांधीजी नहीं आम जनता ने भी अंग्रेजों का साथ नहीं दिया भारतीय सेनाओं में भी अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए सभी का मिलाजुला प्रयास कर रहा है तो ऐसा नहीं कहा जा सकता कि किसी एक ने हमें स्वतंत्रता दिलाई है आजादी की लड़ाई के लिए लड़ने वाला हर सदस्य हर क्रांतिकारी हर आंदोलनकारी इस श्रेय का हकदार है
लेकिन बड़े पैमाने पर देखा जाए तो भारत के स्वतंत्रता के लिए हम भारतीयों का प्रयास कभी सफल नहीं रहा अंग्रेजों ने भारत छोड़ा है यह उनकी अपनी मजबूरी थी क्योंकि सेकंड वर्ल्ड वॉर में इंग्लैंड को बहुत नुकसान हुआ था भारत को चलाने के लिए उनके पास ना पैसा था ना समय उन्हें अपने इंग्लैंड पर ज्यादा फोकस करना था और यहां के लोग जो आंदोलन कर रहे थे उसे कंट्रोल कर पाना उस समय आसान नहीं था तो उन्होंने अपनी सुविधा के लिए भारत को स्वतंत्र करना मंजूर किया ।
विश्व युद्ध खत्म होने के बाद कुछ विदेशी दबाव भी इंग्लैंड पर था जैसे कि अमेरिका ऑस्ट्रेलिया जैसे डेमोक्रेसी वाले देश दबाव बना रहे थे कि भारत को स्वतंत्र किया जाए सिर्फ भारत को ही नहीं जितनी भी कॉलोनी है उन्हें स्वतंत्र किया जाए उन वैश्विक परिस्थितियों का भी एक बहुत बड़ा रोल है भारत की आजादी में ,खैर! जो भी रहा हो यह स्वतंत्रता हमें इतनी आसानी से नहीं मिली इसके लिए हमने बड़ी कीमत चुकाई है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के रूप में हमें दिखाई देती है।
आपको क्या लगता है??
अपने विचार लिखे कमेंट बॉक्स में
0 Comments