रिश्ते और परिवार

आज उसने कहा

भगवान हमारे लिए जो रिश्ते बनाकर भेजते है जरूरी नहीं वो हमेशा वो बेहतर साबित हो जैसे कि मा, पिता ,भाई ... जबकि जिंदगी के सफर में कुछ ऐसे रिश्ते बन जाते है जो जिंदगी भर साथ निभा जाते है जैसे कोई दोस्त ,गुरु, या जीवनसाथी "

Crazy Relationships


वैसे जितना मै जानता हू वो अपने मम्मी पापा को बहुत प्यार करती है सिर्फ वो ही नहीं ज्यादातर लड़कियां हम लडको से ज्यादा अपने मा बाप से प्यार करती भी है और जताती भी है ,हम लड़के इस मामले में थोड़ा  पीछे है

एक तो कम संवेदनशील होने के कारण हम उतना जल्दी रिएक्ट नहीं कर पाते और कई बार सख्त प्रवत्ति के कारण खुद की भावनाएं जाहिर नहीं कर पाते

उदाहरणार्थ: मुझे नहीं याद की कब मैंने अपने पापा के साथ कोई सेल्फी ली है

मैंने जिंदगी में मम्मी य पापा को आई लव यू जैसा कुछ भी नहीं बोला ना ही मेरी जानकारी में कोई ऐसा लड़का है जिसने बोला हो ।

इस सब बातो का ये तो मतलब नहीं कि हम उनसे प्यार नहीं करते हम भी प्यार करते है लेकिन हमें बताने और जताने का मौका नहीं मिलता है।

खैर ! लड़कियां बताती भी है और अपने आचरण से जताती भी है पता नहीं कितनी ही लड़कियां तो अपने ससुराल वालों से लड़ भिड़ जाती है   जो उनके वैवाहिक जीवन में कलेश का कारण बनता है। मा बाप बीमार होते है तो लड़कियां ससुराल से भागती हुई आती है ताकि मा बाप को कोई मदद कर सकें ये बाते समाज में सभी जानते है 

फिर भी समाज में 

  • कन्या भ्रूण हत्या आज भी मुद्दा है
  • समान अधिकार की कोई बात नहीं करता
  • पराया धन बोल कर हमेशा अहसास दिलाया जाता है कि वो उस घर में ज्यादा दिन नहीं रहेगी क्योंकि ससुराल उसका असली घर होगा 
  • ससुराल वाले तो उसे दूसरे घर से आयी लड़की की तरह ट्रीट करते है कुछ जगह नौकरानी की तरह , कुछ लोगो के लिए वो कपड़े धोने ,बर्तन धोने ,और बच्चे पैदा करने की मशीन समझी जाती है।
  • आज भी मा बाप की प्रॉपर्टी में लड़की को समान हिस्सा नहीं मिलता 
हालांकि आज स्थिति में सुधार आ रहा है क्योंकि लड़कियां पढ़ लिख कर खुद के जीवनसंघर्ष के लिए तैयार हो रही है भारतीय रूढ़िवादी समाज के ठेकेदारों के नजर से देखा जाए तो वो माता पिता , भाई या पति के कंट्रोल से बाहर जा रही है मॉडर्न नजरिए से वो स्वतंत्र हो रही है उन सभी बेड़ियों से जो समाज ने उनके पैरों में डाल रखी थी ।

खैर कुल मिलाकर इतना कहा जा सकता है

"जरूरी नहीं हर किसी को किसी से प्यार के बदले प्यार , खुशी के बदले खुशी ही मिले"


मेरा विचार:

मुझे लगता है इस संसार में कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता जो चीज जब तक उपलब्ध है उसका लाभ ले लेना चाहिए पता नहीं कब सेवा समाप्त कर दी जाए।

 लोग कहते है प्यार कभी नहीं मरता...

मै इस बात तो झुठलाना नहीं चाहता लेकिन इतना जरूर जोड़ूंगा की प्यार की इंटेंसिटी कम ज्यादा होती रहती है क्योंकि मा से ज्यादा कोई प्यार नहीं करता  कोई बच्चा होता है तो मा उसे सबसे ज्यादा प्यार करती है लेकिन जब दूसरा बच्चा होता है तो पहले के प्रति इतनी इंटेंसिटी नहीं रहती इसके दो कारण हो सकते है 

पहला की मा जानती है बच्चा खुद को सम्हाल सकता है और दूसरा की छोटे बच्चे को प्यार और देखभाल की ज्यादा जरूरत है।

लेकिन उस 3 से 4 साल के बच्चे को क्या समझ आएगा की क्यों लोग उससे ज्यादा नए मेहमान को अटेंशन दे रहे है उसकी नजर में तो मा का प्यार भी कुछ कम हो गया या बट गया।

इसमें मै किसी को जज नहीं कर रहा सबकी अपनी अपनी परिस्थितियां है जिनको उन्हें स्वयं ही हराकर आगे बढ़ना है।

हम सब परिवार के लिए सब कुछ करते है कौन होगा जो अपने भाई बहन माता पिता को तकलीफ देना चाहेगा? लेकिन सच ये भी है कि सबसे ज्यादा तकलीफ अपनो से  ही होती है आप समाज में भाई भाई की दुश्मनी के किस्से आसानी से देख सकते है , ऐसे भी पिता है जो अपनी झूठी शान के चक्कर में बच्चो को बली चढ़ा देते है और भी पता नहीं क्या क्या राजनीति चलती रहती है।

कभी लगता है हमारे समाज में शादी किसी नए सदस्य को परिवार में शामिल करने के लिए नहीं बल्कि अपने एक सदस्य को परिवार से बाहर करने के लिए होती है और ऐसा भी समय आता है जब लगता है कि तुम्हारे पास कोई नहीं है तो नए परिवारों का निर्माण होता है 

सबके साथ हर रिश्ते का स्वरूप एक जैसा नहीं होता सबके अलग समय पर अलग अनुभव होते है कभी लगता है।

आपके क्या अनुभव हैं ? और कौन सा रिश्ता आपको ज्यादा प्रिय है कमेंट बॉक्स में आप भी विचार साझा करे।




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