मेरे विचार
बहुत सोचने समझने के बाद देश के हो रहे सामाजिक पतन के हल पर कुछ लिख रहा हूं
आप पढ़े और लोगो को जागरूक करने में मेरा साथ दे
और अगर मेरी बात गलत लगे तो आप अपना बेहतर नजरिया भी रख सकते है
हम आप कोई दुश्मन नहीं
कुछ बिंदु
1- लड़कियों को शिक्षा देना अनिवार्य हो
2 - बच्चों के पैदा करने पर सरकार कानून लाए या न लाए आप को ये समझना है कि अपनी औकात देख कर बच्चे पैदा करे ।
3- सरकार 2 काम न बन्द कर पाई है न कभी बन्द कर पाएगी क्योंकि वो अनादि काल से चल रहे है
जिनमे से एक है - जुआ और दूसरा वैश्यालय
बेहतर यही होगा इन कामों को सुव्यवस्थित ढंग से किया जाए ताकि सरकार भी लाभ ले और भ्रष्टाचार में कमी लाई जा सके।
4 लडके, लड़कियों को अपनी जागीर न समझे न ही कोई देवी ,लड़कियों को लड़कियों की तरह ही ट्रीट किया जाय तो बेहतर ,मेरा मतलब है इंसानों की तरह।
क्योंकि देश में सब स्वतंत्र है लड़कियां भी तो हम उनके ठेकेदार न बने तो बेहतर ,
लड़कियों को इस काबिल बनाए की वो अपनी रक्षा स्वयं करें
हम जिम्मेदारी से अपना काम छोड़कर उनकी रक्षा के लिए समय पैसा और सारा इंतजाम करते है और लड़कियों को ये सब ऐसा लगता है कि कोई उनकी स्वतंत्रता छीन रहा हो।
(इस बात पर शहरी लड़कियों और ग्रामीण में बहुत अंतर है)
5 - हम को समाज में ऐसा माहौल बनाना होगा कि यहां कोई सेक्स को न तो पाप समझे नहीं कोई दैवीय कार्य जैसे हम नहाते है खाते है सोते है वैसे ही सेक्स भी जीवन का भाग है
अगर आप और हम पढ़े लिखे लोग सही समय पर सही जानकारी नहीं देंगे तो लोग गलत जगह से जानकारी प्राप्त करेंगे
और जाने अनजाने गलत घटनाएं बढ़ेंगी।
6 जातिवाद ख़तम करने के लिए जो हो सके वो प्रयास करना चाहिए अंतर्जातीय शादी को बढ़ावा भले ही न कर पाए पर हतोत्साहित नहीं करना चाहिए
क्योंकि यही सबसे तेज तरीका है जातिवाद मिटाने का ।
सरकार तो नहीं करेगी पर हम अपने स्तर से हो सके करना चाहिए
7 समाज में नास्तिकता को बढ़ावा देना चाहिए
मै नास्तिक बनने को नहीं कह रहा
आपके भगवान /पंथ आपका निजी मामला है आप किसी भी प्रकार अपने भगवान को पूजो लेकिन किसी दूसरे को ज्ञान न बाटो ।
अध्यात्म तुम्हारे और भगवान के बीच का मामला है इसे बाजारू न बनाए
कम से कम समाज में अपनी छवि किसी भक्त होने के बजाय प्रकतीवादी बनाने का प्रयास करे
8 खुद को भक्त और चमचे वाली श्रेणी से दूर करने की कोशिश करो
हम को भक्तो की तरह सिर्फ अच्छा अच्छा ही नहीं देखना न चमचों की तरह सब बुरा बुरा
हम को हर मुद्दे को कमसे कम 2 नजरिए से तो आकलन करना ही चाहिए।
9- लड़कियों को भी संपत्ति में हिस्सा दिया जाना चाहिए , कुछ कम ज्यादा ही सही पर दिया जरूर जाना चाहिए।
10- हम को खुले विचारों वाला होना चाहिए हमारी संकीर्णता भी हम को काफी हद तक गर्त में ले जा रही है।
हर उल्टी सीधी बात को लोग संस्कृति /परम्परा के नाम पर मनवाते है।
हम अब बुड्ढों को तो नहीं सुधार सकते पुरानी पीढ़ी ने जनसंख्या बढ़ाने के सिवा कोई बड़ा काम नहीं किया लेकिन भविष्य हमारे हाथ में है।
#revolution
बहुत सोचने समझने के बाद देश के हो रहे सामाजिक पतन के हल पर कुछ लिख रहा हूं
आप पढ़े और लोगो को जागरूक करने में मेरा साथ दे
और अगर मेरी बात गलत लगे तो आप अपना बेहतर नजरिया भी रख सकते है
हम आप कोई दुश्मन नहीं
I m not feminist..but i support equality.
कुछ बिंदु
1- लड़कियों को शिक्षा देना अनिवार्य हो
2 - बच्चों के पैदा करने पर सरकार कानून लाए या न लाए आप को ये समझना है कि अपनी औकात देख कर बच्चे पैदा करे ।
3- सरकार 2 काम न बन्द कर पाई है न कभी बन्द कर पाएगी क्योंकि वो अनादि काल से चल रहे है
जिनमे से एक है - जुआ और दूसरा वैश्यालय
बेहतर यही होगा इन कामों को सुव्यवस्थित ढंग से किया जाए ताकि सरकार भी लाभ ले और भ्रष्टाचार में कमी लाई जा सके।
4 लडके, लड़कियों को अपनी जागीर न समझे न ही कोई देवी ,लड़कियों को लड़कियों की तरह ही ट्रीट किया जाय तो बेहतर ,मेरा मतलब है इंसानों की तरह।
क्योंकि देश में सब स्वतंत्र है लड़कियां भी तो हम उनके ठेकेदार न बने तो बेहतर ,
लड़कियों को इस काबिल बनाए की वो अपनी रक्षा स्वयं करें
हम जिम्मेदारी से अपना काम छोड़कर उनकी रक्षा के लिए समय पैसा और सारा इंतजाम करते है और लड़कियों को ये सब ऐसा लगता है कि कोई उनकी स्वतंत्रता छीन रहा हो।
(इस बात पर शहरी लड़कियों और ग्रामीण में बहुत अंतर है)
5 - हम को समाज में ऐसा माहौल बनाना होगा कि यहां कोई सेक्स को न तो पाप समझे नहीं कोई दैवीय कार्य जैसे हम नहाते है खाते है सोते है वैसे ही सेक्स भी जीवन का भाग है
अगर आप और हम पढ़े लिखे लोग सही समय पर सही जानकारी नहीं देंगे तो लोग गलत जगह से जानकारी प्राप्त करेंगे
और जाने अनजाने गलत घटनाएं बढ़ेंगी।
6 जातिवाद ख़तम करने के लिए जो हो सके वो प्रयास करना चाहिए अंतर्जातीय शादी को बढ़ावा भले ही न कर पाए पर हतोत्साहित नहीं करना चाहिए
क्योंकि यही सबसे तेज तरीका है जातिवाद मिटाने का ।
सरकार तो नहीं करेगी पर हम अपने स्तर से हो सके करना चाहिए
7 समाज में नास्तिकता को बढ़ावा देना चाहिए
मै नास्तिक बनने को नहीं कह रहा
आपके भगवान /पंथ आपका निजी मामला है आप किसी भी प्रकार अपने भगवान को पूजो लेकिन किसी दूसरे को ज्ञान न बाटो ।
अध्यात्म तुम्हारे और भगवान के बीच का मामला है इसे बाजारू न बनाए
कम से कम समाज में अपनी छवि किसी भक्त होने के बजाय प्रकतीवादी बनाने का प्रयास करे
8 खुद को भक्त और चमचे वाली श्रेणी से दूर करने की कोशिश करो
हम को भक्तो की तरह सिर्फ अच्छा अच्छा ही नहीं देखना न चमचों की तरह सब बुरा बुरा
हम को हर मुद्दे को कमसे कम 2 नजरिए से तो आकलन करना ही चाहिए।
9- लड़कियों को भी संपत्ति में हिस्सा दिया जाना चाहिए , कुछ कम ज्यादा ही सही पर दिया जरूर जाना चाहिए।
10- हम को खुले विचारों वाला होना चाहिए हमारी संकीर्णता भी हम को काफी हद तक गर्त में ले जा रही है।
हर उल्टी सीधी बात को लोग संस्कृति /परम्परा के नाम पर मनवाते है।
हम अब बुड्ढों को तो नहीं सुधार सकते पुरानी पीढ़ी ने जनसंख्या बढ़ाने के सिवा कोई बड़ा काम नहीं किया लेकिन भविष्य हमारे हाथ में है।
#revolution
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