Lockdown

                दिल की आवाज

वैसे तो मेरा उससे कोई रिश्ता नहीं है जिसका कोई नाम हो  आसानी से समझने के लिए दोस्त माना जा सकता है
आज शाम को मै उससे मिला लगभग एक महीने बाद 
मुझे अजीब सा डर भी लग रहा था 
पता नहीं वो मुझे पहचानेगी भी या नहीं , क्या बात करूंगा उससे क्योंकि मेरे पास अब कुछ भी कहने को बाकी नहीं था।
वो मेरे दिल के सारे राज जानती थी।


Representative image

दिल में बेचैनी बढ़ती जा रही थी और आंखो को तो बस उस का ही इंतजार था, तब ही मुझे एक चेहरा छुपाए मेरा मतलब है मास्क लगाए, छोटी हाइट वाली लडकी दिखी ,वह मेरी तरफ ही आ रही थी।
हा ये वही थी जिसका इंतजार मै लगभग 1 महीने से कर रहा था।  मेरी आंखो को राहत सी मिल गई दिल की बेचैनी भी कम हो गई लेकिन अब थोड़ा नर्वस महसूस हो रहा था 
क्योंकि उसके साथ में उसका एक आधिकारिक पुरुष मित्र भी था 

अब मै यही सोच रहा था कही मेरे से कोई ऐसी गलती न हो जाए कि मै जाने अनजाने उनकी दोस्ती में दरार बन जाऊ।
 
हा इसमें कोई शक नहीं वो लड़का मुझसे ज्यादा अच्छा दिखता है और सच तो यही है कि मुझे उससे कोई शिकायत भी नहीं ,लेकिन खुद से जरूर है .... 
खैर वो अपको नहीं बताने वाला 

 उस दिन हम तीनो ने लगभग 1 घंटा समय साथ में चाट, बताशे खा के बिताया ।
 हा मैंने वादा किया था खुद से को उसको नहीं देखूंगा , भावनाओ में बहकर कोई ऐसी बात नहीं कहूंगा की कोई बुरा मान जाए।
पर शायद सबकुछ मेरे कंट्रोल में नहीं है जैसे की मेरी आंखे और दिल।

मैंने सोचा था अब तो कुछ दिन साथ बिताएंगे तो धीरे धीरे रिश्ते सुधर सकते है पर अगले दिन खबर मिली मोदी जी अगली रात में कोई अनाउंसमेंट करने वाले है ,पता नहीं क्यों ऐसा लगा कि सारा प्लान चौपट हो जाएगा और तब ही मेरे घर से ऑर्डर आ गया कि आज ही घर वापस आओ।

अब आदेश का तो पालन करना ही था परन्तु दिल में एक आवाज उठी कि मै तो निकल रहा हू पर कही वो न फस जाए यही ।।।
मुझे पता है वो समझदार है मुझे हीरो बनने की जरूरत नहीं है मेरा दूरी बनाए रखना ही बेहतर है किन्तु मुझे इस बात का भी आभास है कि वो जिद्दी भी है

अब एक शुभचिंतक सिर्फ रास्ता बता सकता है चलना तो स्वयं ही होता है 
और दो दिन बाद वो हुआ जिसका मुझे डर था

लॉकड़ाउन जारी....हो गया

Post a Comment

0 Comments