लॉक डाउन भाग 1
अगर आप ने पिछला भाग पढ़ा है तो आपको पता होगा ये लिस्ट मै खुद के लिए नहीं बना रहा था ये उन के लिए था जो फसे है अपने घरों से दूर...
खैर 4-5 लोग थे जिनको मैंने याद कराया ताकि वो कुछ भूले नहीं खरीदना।
वैसे चिंता मुझे सबकी थी पर फिक्र सिर्फ उसकी जिससे कुछ कह भी नहीं सकता ।
कुछ दिनों तक तो मै कुछ हसी मजाक और रोमांटिक वाली पोस्ट डाल के लोगो के मनोरंजन का प्रयास करता रहा ताकि मन लगा रहे किसी को ऐसा न लगे कि वो दुनिया से कट गए है ।
पर मुझे भी पता है कि कब तक ऐसा चलता 21 दिन ज्यादा होते है , सच तो यही था कि मै उनकी कोई मदद नहीं कर रहा सिर्फ उनकी समस्याओं का उनको अहसास नहीं होने देता था
मेरे जोक्स, शायरी ,चुटकुले कब तब लोगो को भरमाएगे
कितना भी खुद को रोको पर 2 -4 दिनों में उस को काल कर ही लेता था जबकि मुझे पता था मेरी कॉल उसके लिए इंपोर्टेंट नहीं ,लेकिन उसको क्या पता उसकी चहकती आवाज मेरे लिए कितनी इंपोर्टेंट है
खैर ज्यादा डिटेल्स देना उचित नहीं ......
खैर जैसे तैसे 21 दिन कट रहे थे कभी ब्लॉक हो के तो कभी अनब्लॉक हो के
इस दौरान कॉलेज वालो के भी दिमाग में पढ़ाई का कीड़ा घुस गया वो काम पे काम दिए जा रहे थे
आधे लोगो का दिमाग उस वजह से भी खराब हो गया
मैंने भी मांगे हुए पेन से 1 सप्ताह कुछ काम किया फिर मेरा पेन ही ख़तम हो गया
और काम करने का इरादा भी
क्योंकि मेरा मूड ऑफ था
मेरी सारी प्लांनिंग पर पानी फिर चुका था , जिसके चेहरे को देख के मुझे ग्लूकोज मिलता था वो भी दिख नहीं रहा
21 दिनों में हालात ऐसे ही रहे थे कि दोस्ती भी खतरे के निशान के उपर ही बहने लगी थी।
मै सोच रहा था कि दोस्ती ही बच जाए तो ही गलीमत है
इस लॉक डाउन ने मेरा आर्थिक और भावनात्मक रूप से बहुत सारा नुकसान किया ।
खैर जैसे तैसे 21 दिन कट ही गए
पर दिमाग उस दिन खराब हो गया जब नयी घोषणा हुई
Lockdown 2.0
........ continue
Disclaimer:
This story aims for entertainment purpose don't take it too much serious
Yes story is true but is it 100% true ?
I can't say
Like , comments,share with your friends who are facing this lockdown.
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