लॉकड़ाउन वाला बर्थडे


आज उसका जन्म दिन था ।
सुबह होते ही मन में ख्याल आया क्यों न सबसे पहले विश किया जाए।
Rdx


फिर कुछ सोच के खुद को रोक लिया शायद ये हक किसी और का है ,और कुछ असाधारण न करूं तो वहीं बेहतर
सोचा कि आराम से 9 बजे के बाद विश करूंगा 

मुझे पता है शायद हर किसी को इंतजार रहता है कि कोन कोन उसे बर्थडे पर शुभकामनाएं देगा, शायद इससे हम आंकलन करते है कि कोन कोन हमें याद रखता है या हम किस किस से कितना जुड़े है 

तो मैंने 9 बजे के बाद उसे विश करने का विचार किया मोबाइल उठाया और उसकी प्रोफ़ाइल चेक की मेरी आंखे स्तब्ध रह गई क्योंकि उसकी प्रोफ़ाइल पिक नहीं दिख रही थी 

मुझे ये लाइन याद आ गई

"इतना भी हक तूने छीन लिया , जो देखू चेहरा तेरा
तेरे हर जख्म से प्यार...... मेरा. है गहरा.."

मै सोच में पड़ गया , कहीं ऐसा तो नहीं उसने मुझे ब्लॉक कर दिया और तुरंत उसके स्टेटस देखने लगा
तभी याद आया की डाटा तो ख़तम और हॉटस्पॉट वाला बन्दा भी गायब 

इतनी गुस्सा आ गई कि मन किया अभी रिचार्ज करा लू
फिर ये सोच के खुद को समझा लिया कि रिचार्ज करा के क्या करोगे हो तो ब्लॉक्ड.
दिन भर दिमाग में यही चलता रहा कि जल्दी से मुझे समय मिले मै रिचार्ज कराऊ या कैसे भी दुबारा चेक करू मै ब्लॉक हू या नहीं
खैर टाइम तो कब का हाथ से का चुका था अब तो बस ऐसे ही...
खैर रात 8 बजे के आस पास मुझे हॉटस्पॉट की सुविधा उपलब्ध हुई और मेरी उंगलियां खुद ही उसकी प्रोफ़ाइल देखने लगी। और मैंने भी जल्दी में उसे विश किया

क्योंकि मै नहीं चाहता कि उसे ऐसा लगे कि मुझे उसकी कोई याद ही नहीं और मेरी रही बची दोस्ती भी ख़तम होने की कगार पर आ जाए।

उस को विश करने से ज्यादा जरूरी था कि अपनी दोस्ती बचाना विश तो आराम से भी कर सकता था अच्छे तरीके से लेकिन कहीं हॉट स्पॉट वाला भाग गया तो...
पता नहीं कितने ही फालतू सवालों के साथ ही उसे विश किया।


खैर हॉटस्पॉट वाला नहीं भागा
और मुझे याद आया कि मेरे पास 165mb  की फाइल पड़ी है और उसमें कई सारी मनमोहक तस्वीरें है
तो बैठे बैठे कई सारे कलेक्शन बनाए पर भेज नहीं पाया।

फिर भी कुछ बेहतरीन यादों को संजोया और शुभकामना देने के लिए कुछ बेहतर प्रयास किया
और मेरा प्रयास सफल हुआ जब उधर से थैंक यू का मेसेज आया
 ये जानकर और भी खुशी हुई कि मै ब्लॉक नहीं हू।

सच में उसके बर्थडे का इंतजार तो 11 महीनों से था पता नहीं क्या क्या प्लान किया था लेकिन इस लॉक डाउन को तो मेरी खुशी बर्दास्त ही नहीं ।



खैर मांगे के हॉटस्पॉट से इंटरनेट चलाने वाला किसी को क्या देने के लायक है 
अब सिर्फ शुभकामनाए है जो दी जा सकती है
"तुम खुश रहो आबाद रहो
 चाहो बीकेटी रहो या अमीनाबाद रहो"
और अगर ईश्वर है तो उनसे बस इतनी  ही गुजारिश है
कि उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हों उसके चेहरे पर मुस्कान सदा बनी रहे।


खैर मेरा क्या है
मुझे खुश रखने के लिए तो मेरा नाम ही काफी है।

Post a Comment

0 Comments